दोस्तों, हम सभी कभी न कभी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड/लोन के लिए अप्लाई करते है। लेकिन बैंक “CIBIL Score कम है” कहकर मना कर देता है। लेकिन आपने कभी सोचा की “CIBIL Score क्या है और कितना होना चाहिए? CIBIL Score कैसे बढ़ायें ?“,
तो आज हम इस विषय पर ही विस्तार से बताएँगे CIBIL Score क्या है? तो आईये जानते है –
- सिबिल स्कोर क्या है?
- CIBIL Score की फुल फॉर्म क्या है?
- सिबिल स्कोर का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?
- सिबिल स्कोर कैसे चैक करते है?
- सिबिल स्कोर कैसे सुधारे? सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाये?
- आपका सिबिल स्कोर कौन जारी करता है?
- एक क्रेडिट रिपोर्ट में क्या क्या जानकारियाँ होती हैं?
- FAQ – Frequently Asked Questions
- निष्कर्ष
सिबिल स्कोर क्या है?
हम सभी अपने जीवन में बैंकों के साथ जो भी आर्थिक लेना देना करते है। उन सभी आर्थिक गतिविधियों को कुछ अंकों में बदल दिया जाता है। जिसे हम CIBIL Score के नाम से जानते है।
सिबिल स्कोर एक 3 अंकों की संख्या होती है। इसे 300-900 के बीच रखा गया है।
300 अंक का मतलब है, की हमारी बैंको के साथ आर्थिक गतिविधि सही नहीं है। जैसे समय से बिल का भुगतान नहीं करना, किस्त देने में देरी/न देना आदि।
900 अंक का मतलब है, की हमारी बैंको के साथ आर्थिक गतिविधि सही है। इससे पता चलता है की हम अपनी सभी क़िस्त, बिल आदि का सही समय पर भुगतान कर रहे है। इससे हमे भविष्य में लोन लेने में काफी आसानी होती है।
CIBIL Score की फुल फॉर्म क्या है?
CIBIL स्कोर फुल फॉर्म हिंदी में – (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड)
CIBIL Score full form in English – (Credit Information Bureau (India) Limited)
सिबिल स्कोर का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?
सिबिल स्कोर का कैलकुलेशन TransUnion CIBIL Limited द्वारा किया जाता है। सिबिल की गणना करने के लिए काफी तरह की जांच की जाती है। लेकिन इनमे 4 प्रमुख है। जो आपके सिबिल स्कोर अच्छा या ख़राब करने के लिए जिम्मेदार होती है। शुरूआती कैलकुलेशन इन्ही से की जाती है।
1. पेमेंट हिस्ट्री
किसी भी EMI को देर से भरना या ना भरना। किसी तरह के बिल का भुगतान न करना। अपने आपको डिफॉलटर घोषित करना। इस तरह की कोई भी क्रिया आपके सिबिल स्कोर को बुरी तरह से ख़राब कर सकती।
2. क्रेडिट मिक्स
संरक्षित ऋण (जैसे होम लोन, ऑटो लोन) और असंरक्षित ऋण (जैसे पसर्नल लोन, क्रेडिट कार्डस) का स्वस्थ मेल रखना बेहतर है। आपको हमेशा किसी एक तरह का ऋण नहीं लेना चाहिए। आपको हमेशा संरक्षित ऋण और असंरक्षित ऋण लेने चाहिए। इससे आपके सिबिल स्कोर पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
3. बार बार पूछताछ
आपको बार बार किसी भी लोन के लिए पूछताछ नहीं करनी चाहिए। इससे यह सन्देश जाता है की आपको भविष्य अधिक लोन की जरूरत होने वाली है। या आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है। इस स्थिति में आपके आवेदन को ठुकराया जा सकता है। वंही आवेदन ठुकराने पर आपका सिबिल स्कोर कम हो जाता है।
4. हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन
हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन का मतलब है की भविष्य में आपके ऊपर ज्यादा कर्ज का बोझ बढ़ने वाला है। जोकि एक अच्छा संकेत नहीं है। इसलिए आप छोटे छोटे लोन कम समय के लिए ले सकते है। इससे आपके और ऋणदाता के बीच एक अच्छा समन्वय बन जाता है। जो आपके स्कोर को भी अच्छा करता है।
सिबिल स्कोर कैसे चैक करते है?
CIBIL Score चेक करने के लिए बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जैसे Paisa Bazaar, Bajaj FinServ आदि। लेकिन TransUnion CIBIL Limited सिबिल चेक करने के लिए ऑफिसियल वेबसाइट है। TransUnion CIBIL Limited को RBI द्वारा लइसेंस प्राप्त है।
- सबसे पहले आपको सिबिल की वेबसाइट https://www.cibil.com/ पर जाना है। फिर सबसे ऊपर दाहिने “Get Your CIBIL Score” वाले बटन पर क्लिक करे।
- उसके बाद आप उनके सब्सक्रिप्शन वाले पेज आ जायेंगे। अगर आप फ्री में सिबिल स्कोर चेक करना चाहते है, तो आपको स्क्रॉल डाउन करके “Click here to get your free annual CIBIL” पर क्लिक करना होगा।
आप सीधे यंहा क्लिक करके भी उस पेज पर जा सकते है। - यहां आपको अपना ईमेल आईडी, नाम (इस अकाउंट के लिए यह आपका यूजरनेम होगा), पासवर्ड, आईडी प्रूफ (जैसे पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट नंबर, आधार), जन्मतिथि, पिन कोड और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. इन डिटेल्स को भरने के बाद ‘एक्सेप्ट एंड कंटीन्यू’ पर क्लिक करें.
- फिर आपको आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP मिलेगा जिसे आप डाल कर “Continue” पर क्लिक करेंगे।
- अब आपको एक मेसेज दिखाई देगा “You have successfully enrolled!” इसके नीचे आपको “Go to Dashboard” पर क्लिक करना है।
सिबिल स्कोर कैसे सुधारे? सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाये?
अगर आपका सिबिल स्कोर ख़राब है तो आपको लोन/ऋण लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अपने CIBIL Score को हमेशा ठीक रखना चाहिए। अब प्रश्न है की CIBIL Score कैसे बढ़ायें ? इसके लिए आपको नीचे दिए 6 बिंदुओं को अपनाना होगा। तो आइये जानते है सिबिल स्कोर कैसे सुधारे?
1. देय राशि का समय पर भुगतान करना।
आपकी जो भी देय राशि है उनको हमेशा समय पर भुगतान करें। जैसे लोन की क़िस्त, क्रेडिट कार्ड का बिल आदि। अगर आप कोई भी भुगतान करना भूल जाते है। जिसके लिए आप पर पेनल्टी या लेट पेमेंट चार्ज लगाए जाते है, तो यह आपके सिबिल स्कोर पर एक ख़राब प्रभाव डालता है। इसलिए सभी देय का समय पर भुगतान करें।
2. क्रेडिट बैलेंस कम रखना।
आपको हमेशा कोशिश करनी चाहिए की आप काम से कम ऋण लें। और अगर लेना भी पड़े तो एक छोटी सी राशि कम समय के लिए, और उसे समय से भुगतान करके ख़तम कर दे। इससे आपके सिबिल स्कोर पर एक अच्छा और जल्दी प्रभाव पड़ता है।
3. क्रेडिट को हमेशा स्वस्थ रखना।
क्रेडिट को हमेशा स्वस्थ रखने से अभिप्राय है की आप कोई भी ऐसा भुगतान न करे जिससे आपके CIBIL Score पर नकारात्मक पड़ता हो। जैसे आप किसी ऐसे बिल का भुगतान करते है जिस पर पेनल्टी या लेट पेमेंट चार्ज लगाए गए है। इस तरह के बिल आपके सिबिल स्कोर को कम कर देंगे। वंही दूसरी तरफ जबकि आप इसका भुगतान कर चुके है। इसलिए आप अपने क्रेडिट को हमेशा स्वस्थ रखे।
4. नए क्रेडिट का सही समय पर आवेदन करना।
अगर वर्तमान समय में आपका कोई लोन चल रहा है। तो एक नए ऋण को लेने से बचना चाहिए। आपको कोशिश करनी चाहिए की आप अपने वर्तमान के सभी ऋणों को समय से भुगतान करें और उसके बाद एक नए ऋण के लिए आवेदन करें।
अगर आप किसी नए ऋण के लिए आवेदन करते है और ऋणदाता उसे रिजेक्ट कर देता है। तो आप उसे कुछ समय बाद फिर से आवेदन करें। कम समय में बार बार आवेदन से आपके सिबिल स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अमूमन दोबारा आवेदन के लिए आपको कम से कम एक महीने का अंतराल रखना चाहिए।
5. अपने सभी अकाउंट की प्रत्येक माह निगरानी करना।
आपको अपने सभी एकाउंट्स की प्रत्येक महीने रिपोर्ट जरूर चेक करनी चाहिए। कभी कभी ऐसा होता है की बैंको द्वारा कुछ छोटे मोटे चार्ज लगा दिए जाते है। जिसके बारे में हमें पता नहीं चलता है। इसलिए आपको अपने सभी अकाउंट को समय समय पर चेक करना चाहिए। यदि कंही कोई गलती हो तो तुरंत अपने बैंक से मिलकर उसमे सुधार करवाना चाहिए।
6. पूरे वर्ष अपने क्रेडिट इतिहास की बार-बार समीक्षा करते रहें।
आपको साल में एक बार अपनी CIR (Credit Information Report ) को जरूर देखना चाहिए। नहीं तो ऐसा भी हो सकता है की जब आपको किसी ऋण की जरुरत हो तो आपका CIR काफी निचले स्तर पर हो, और आपको मुसीबत का सामना करना पड़े।
आपका सिबिल स्कोर कौन जारी करता है?
TransUnion CIBIL Limited भारत में सभी क्रेडिट इन्फोर्मेशन को एकत्रित करती है। भारत के सभी बैंक या क्रेडिट कम्पनियाँ अपने सभी ग्राहकों का डाटा TransUnion CIBIL Limited को देता है।
उसके बाद TransUnion CIBIL Limited व्यक्ति की Financial History को जाँच करता है और फिर CIBIL Score को जारी करता है। ग्राहकों के सभी रिकॉर्ड बैंक और अन्य ऋणदाताओं को प्रत्येक महीने देनी होती है। इसलिए व्यक्ति का सिबिल स्कोर हर महीने अपडेट किया जाता है।
एक क्रेडिट रिपोर्ट में क्या क्या जानकारियाँ होती हैं?
क्रेडिट रिपोर्ट में आपकी सभी क्रेडिट लेन देन का लेखा होता है। इसमें आपके द्वारा लिए गए सभी लोन की जानकारी होती है। आपके द्वारा लिए गए सभी क्रेडिट कार्ड की भी जानकारी भी होती है। आइये देखते है।
- आपके द्वारा लिए गए सभी लोन।
- आपके द्वारा दी गयी सभी क़िस्त।
- सभी समाप्त किये गए लोन।
- सभी किस्तों का ब्यौरा (समय से भुगतान की गयी और देरी से भुगतान)
- सभी तरह के क्रेडिट कार्ड।
- कार्ड्स की EMI का ब्यौरा आदि।
FAQ – Frequently Asked Questions
आपके लोन की मंजूरी आपके CIBIL Score पर निर्भर करती है। अच्छा स्कोर होने पर लोन मिलने की संभावना अधिक होती है।
सिबिल स्कोर 300-900 के बीच होता है। जँहा 300 सबसे कम और 900 सबसे अच्छा माना जाता है। 650 या उससे अधिक को एक औसत माना जाता है।
इन 6 बिन्दुओ से सिबिल को मजबूत किया जा सकता है। इसके बारे में ऊपर विस्तार से बताया गया है।
1. देय राशि का समय पर भुगतान करना।
2. क्रेडिट बैलेंस कम रखना।
3. क्रेडिट को हमेशा स्वस्थ रखना।
4. नए क्रेडिट का सही समय पर आवेदन करना।
5. अपने सभी अकाउंट की प्रत्येक माह निगरानी करना।
6. पूरे वर्ष अपने क्रेडिट इतिहास की बार-बार समीक्षा करते रहें।
एक अच्छा सिबिल स्कोर होने से आपको लोन या कार्ड लेने में आसानी होती है।
हमारी सभी तरह की आर्थिक गतिविधि से सिबिल स्कोर पर असर होता है। जैसे बिल का भुगतान, EMI का भुगतान आदि।
650 या उससे अधिक को एक औसत माना जाता है। इसलिए कम से कम 650 तो होना ही चाहिए।
NA या NH का मतलब होता है, आपकी कोई भी क्रेडिट इनफार्मेशन उपलब्ध नहीं है। जैसे आपने कभी कोई लोन नहीं लिया है। तो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में NA या NH दिखाया जा सकता है।
समय से बिल का भुगतान न करना, EMI का भुगतान समय से न करना, डिफाल्टर घोषित करना, EMI को Due Date के बाद देना आदि।
निष्कर्ष
दोस्तों, आज का विषय था “CIBIL Score क्या है और कितना होना चाहिए? CIBIL Score कैसे बढ़ायें ?“. इस विषय पर आपको पूरी जानकारी देने की कोशिश की गयी है। अगर अभी भी आपको कोई प्रश्न या दिक्कत है तो आप कमेंट कर सकते है। मैं जवाब देने की पूरी कोशिश करूँगा।
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आशा करता हूँ आपको ये जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। अगर आपको ये जानकारी पसंद आयी हो तो जरूर Comment Box में बताएं और अगर आप कुछ पूछना या बताना चाहते है तो कृपया Comment करे, मैं जरूर Reply देनें की कोशिश करूँगा।