दोस्तों आज हम जानेंगे “Insignia देखकर जाने पुलिस रैंक। Indian Police Ranks in Hindi“. हम अपने जीवन में पुलिस से तो परिचित है। चाहे आपने उन्हें फिल्मो में देखा को या फिर सामान्य जिंदगी में। पर क्या आपको पता है। हम उनके चिन्ह (Insignia) से उनकी पोस्ट के बारे में पता लगा सकते है। आइये जानते है Insignia देखकर जाने पुलिस रैंक। Indian Police Ranks in Hindi
आज हम जानेंगे –
- कांस्टेबल की पहचान कैसे करे ?
- कांस्टेबल
- सीनियर कांस्टेबल
- हेड कांस्टेबल
- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
- सब इंस्पेक्टर
- इंस्पेक्टर
- असिस्टेंट इंस्पेक्टर
- इंस्पेक्टर
- डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस
- असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस
- अस्सिटेंट सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस
- एडिशनल सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस
- सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस
- सीनियर सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस और डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस
- डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस
- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस
- एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस
- डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस
- डायरेक्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस ब्यूरो
- Insignia देखकर जाने पुलिस रैंक। Indian Police Ranks in Hindi
कांस्टेबल की पहचान कैसे करे ? How to identify constable?
सबसे निचले स्तर से शुरू करे तो सबसे पहले कांस्टेबल आता है। कांस्टेबल 3 तरह के होते है। आइये एक एक करके उनके बारे में जानते है।
1. कांस्टेबल – Constable
नीचे से शुरू करने पर सबसे पहले कांस्टेबल की पोस्ट आती है। इनको पहचानने के लिए आप इनके कंधो पर लगी पट्टी (Badge) देख सकते है जो पूरी तरह खाली होती है। इस पट्टी (Badge) पर कुछ भी बना हुआ नहीं होता है। पट्टी के नीचे राज्य का नाम लिखा होता है। जैसे – दि.पु. (दिल्ली पुलिस)
2. सीनियर कांस्टेबल – Senior constable
कांस्टेबल से ऊपर की पोस्ट सीनियर कांस्टेबल (Senior constable) की होती है। इनकी पहचान के लिए आप इनकी बाजु का हिस्सा (कंधे से नीचे ) देख सकते है। वंहा आपको दो “V” Shape नजर आएंगे। इस निशान का मतलब वह सीनियर कांस्टेबल है।
महाराष्ट्र में सीनियर कांस्टेबल की “बाजु” पर नहीं होता है। उनके कंधे पर 2 पीली पट्टी लगी होती है।
3. हेड कांस्टेबल – Head constable
हेड कांस्टेबल की पहचान भी सीनियर कॉन्स्टेबल की तरह ही होती है। जैसे सीनियर कांस्टेबल की बाजु पर 2 “V” के निशान होते है। उसी तरह हेड कांस्टेबल की बाजु पर 3 “V” Shape के निशान होते है। महाराष्ट्र में हेड कांस्टेबल (Head constable) की “बाजु” पर नहीं होता है। उनके कंधे पर 3 पीली पट्टी लगी होती है।
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर – Assistant Sub Inspector
हेड कांस्टेबल के बाद पोस्ट आती है असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (Assistant Sub Inspector) की। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को ASI भी कहा जाता है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की पहचान के लिए उनके कंधे पर एक स्टार लगा होता है। साथ ही स्टार के नीचे एक लाल और एक नीली पट्टी लगी होती है। इससे आप असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को पहचान सकते है।
सब इंस्पेक्टर – Sub Inspector
SI को ही सब इंस्पेक्टर कहते है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (Sub Inspector) के बाद सब इंस्पेक्टर की पोस्ट आती है। इनकी पहचान के लिए कंधे पर 2 स्टार लगे होते है। उसके नीचे एक लाल रंग की पट्टी और एक नीले रंग की पट्टी लगी होती है। और उसके नीचे राज्य का नाम लिखा होता है। जैसे – उ.प्र.पु. (उत्तर प्रदेश पुलिस)
इंस्पेक्टर – Inspector
दोस्तों इंस्पेक्टर में दो पोस्ट होती है पहली असिस्टेंट इंस्पेक्टर और दूसरी इंस्पेक्टर (Inspector)। लेकिन आप में से बहुत ही कम लोग जानते होंगे की असिस्टेंट इंस्पेक्टर की पोस्ट केवल महाराष्ट्र में ही होती है। बाकि पुरे भारत में सब इंस्पेक्टर के बाद सीधा इंस्पेक्टर का स्तर आता है।
1. असिस्टेंट इंस्पेक्टर – Assistant Inspector
असिस्टेंट इंस्पेक्टर (Assistant Inspector) की पोस्ट केवल महाराष्ट्र में ही होती है। इसके अलावा बाकि पुरे भारत में यह पोस्ट नहीं होती है। असिस्टेंट इंस्पेक्टर की पहचान के लिए कंधे पर 3 स्टार होते है। उसके नीचे केवल एक लाल रंग की पट्टी होती है और उसके नीचे राज्य का नाम होता है।
2. इंस्पेक्टर – Inspector
महाराष्ट्र को छोड़कर बाकि भारत में सब इंस्पेक्टर के बाद इंस्पेक्टर (Inspector) की स्तर आता है। इंस्पेक्टर की पहचान के लिए कंधे पर 3 स्टार लगे होते है। उसके नीचे एक लाल रंग की पट्टी और एक नीले रंग की पट्टी लगी होती है। फिर राज्य का नाम लिखा होता है।
DSP और ACP में की पहचान और अंतर। Identification and Difference in DSP and ACP.
DSP और ACP दोनों की पोस्ट बराबर होती है। जो भी मेट्रो सिटी होती है जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई केवल वंही पर Assistant commissioner of police (ACP) होता है। बाकि सभी जगह पर वही पोस्ट Deputy Superintendent of Police (DSP) के नाम से जानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ACP जो है वो कमिश्नर का असिस्टैंट होता है। और कमिश्नर ऑफिस केवल मेट्रो सिटी में ही होता है।
- इस पोस्ट से सभी सितारे (Star) सफ़ेद रंग के होते है। और इससे नीचे वाली पोस्ट के लिए स्टार पीले रंग के होते है।
1. डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस – Deputy Superintendent of Police
इंस्पेक्टर के बाद से एक बड़ी पोस्ट शुरू हो जाती है। Deputy Superintendent of Police को DSP के नाम से भी जाता है। इनकी पहचान के लिए कंधे पर 3 स्टार लगे होते है। उसके नीचे राज्य नाम होता है। इनके पास कोई लाल या नीली पट्टी नहीं होती है।
2. असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस – Assistant commissioner of police
Assistant commissioner of police की पहचान भी Deputy Superintendent of Police के जैसे ही होती है। इनकी पहचान के लिए कंधे पर 3 स्टार लगे होते है। उसके नीचे राज्य नाम होता है।
अस्सिटेंट सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस – Assistant superintendent of police
यँहा से IPS कैडर शुरू हो जाता है। जब कोई IPS बनता है तो उसे 3 साल की ट्रेनिंग करनी होती है। जिसे अस्सिटेंट सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस (Assistant superintendent of police) कहा जाता है। अस्सिटेंट सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस को पहचान के लिए कंधे पर 1, 2 और 3 स्टार लगे होते है। उसके नीचे IPS लिखा होता है।
पहले साल में 1 स्टार लगा होता है और उसके नीचे IPS लिखा होता है। दूसरे साल में 2 स्टार और तीसरे साल में 3 स्टार लगा दिए जाते है।
एडिशनल सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस – Additional Superintendent of Police
जब IPS ट्रेनिंग करते है तो उन्हें अस्सिटेंट सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस कहा जाता है। और जब ट्रेनिंग पूरी हो जाती है। और उन्हें कमिशन कर दिया जाता है तो उन्हें एडिशनल सुपरटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (Additional Superintendent of Police) का दर्जा मिल जाता है। पहचान के लिए कंधे पर अशोक चिन्ह (चार मुँह वाला शेर) लगा होता है। उसके नीचे IPS लिखा होता है।
सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस – Superintendent of Police
Additional Superintendent of Police के बाद आता है Superintendent of Police. सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस को ही SP भी कहा जाता है। इनकी पहचान के लिए इनके कंधे पर सबसे ऊपर एक अशोक चिन्ह (चार मुँह वाला शेर) लगा होता है। उसके नीचे एक स्टार लगा होता है। और सबसे नीचे IPS लिखा होता है।
सीनियर सुपरिटेंडेट ऑफ़ पुलिस और डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस
SSP (Senior Superintendent of Police) और DCP (Deputy Commissioner of Police) दोनों में कोई अंतर नहीं होता है। जो भी मेट्रो सिटी होती है जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नैई इन सब अंदर DCP होता है। और बाकि जगह SSP होता है। इन दोनों का ओहदा बराबर होता है। पहचान भी बराबर होती है।
पहचान के लिए कंधे पर अशोक चिन्ह (चार मुँह वाला शेर) लगा होता है। उसके नीचे 2 स्टार लगे होते है। फिर सबसे नीचे IPS लिखा होता है।
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस – Deputy Inspector General of Police
Deputy Inspector General of Police को ही DIG भी कहा जाता है। इस पोजीशन से एक सरकारी गाड़ी भी मिलनी शुरू हो जाती है। पहचान के लिए कंधे पर सबसे ऊपर अशोक चिन्ह (चार मुँह वाला शेर) लगा होता है। उसके बाद 3 स्टार लगे होते है। और अंत में IPS लिखा होता है।
गाड़ी की पहचान के लिए उसके आगे एक झंडा लगा होता है। जो त्रिभुज के आकर का होता है। आगे दोनों लाइट के बिच में एक पट्टी पर एक स्टार भी लगा होता है।
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Insignia देखकर जाने पुलिस रैंक। Indian Police Ranks in Hindi
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस – Inspector General of Police
Inspector general of police को IG भी कहा जाता है। इनकी पहचान के लिए इनके कंधे पर सबसे ऊपर एक स्टार लगा होता है। उसके बाद एक तलवार और डण्डे से क्रॉस बना हुआ होता है। और नीचे IPS लिखा होता है।
गाड़ी के ऊपर एक झंडा लगा हुआ होता है। आगे दोनों लाइट के बिच में एक पट्टी पर 2 स्टार भी लगे होते है।
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस – Additional Director General of Police
IG के बाद एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस की पोस्ट आती है। जिसे ADG भी कहते है। इनकी पहचान के लिए कंधे पर सबसे ऊपर अशोक चिन्ह (चार मुँह वाला शेर) लगा होता है। उसके बाद एक तलवार और डण्डे से क्रॉस बना हुआ होता है। और नीचे IPS लिखा होता है।
अगर गाड़ी की बात करे तो उसके ऊपर एक आयत के आकर का झंडा लगा होता है। और निचे सामने की तरफ पट्टी पर 3 स्टार लगे होते है।
डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस – Director general of police
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस और डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस दोनों की पहचान एक जैसी ही होती है। गाड़ी भी की पहचान भी एक जैसी ही होती है। अब बात आती है जब दोनों एक जैसे ही है तो नाम अलग क्यों है ? इसका जवाब है। डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस जो होते है वो CBI के डायरेक्टर होते है। CBI के डायरेक्टर को पुलिस विभाग में से ही बनाया जाता है।
डायरेक्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस ब्यूरो – Director of intelligence bureau
अंत में आता है डायरेक्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस ब्यूरो। यह सबसे बड़ी रैंक है। इससे ऊपर कुछ नहीं होता है। इस रैंक के कुछ बिन्दुओ को जान लेते है।
- यह एक 4 स्टार रैंक होती है।
- यह पोस्ट नहीं होती है। यह एक रैंक होती है।
- पोस्ट पर ड्यूटी के घंटे नियमित होते है। जबकि रैंक पर ऐसा नहीं होता है। इसलिए यह एक रैंक है।
- इनका वेतन और स्टेटस एक गवर्नमेंट सेक्रेटरी के बराबर होता है।
- इनको कोई Badge नहीं मिला होता है। पहचान के लिए लेकिन इनका ओहदा सेना के जनरल के बराबर होता है।
निष्कर्ष – The conclusion
तो दोस्तों आज आपने हमारे टाइटल “Insignia देखकर जाने पुलिस रैंक। Indian Police Ranks in Hindi” के बारे में जाना की कैसे किसी पुलिस विभाग के कर्मचारी को उसके चिन्ह के देखकर उसकी पोस्ट के बारे में जान सकते है। उम्मीद है आपको समझ आया होगा।
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