भारत एक ऐसा देश है जिसे त्योहारों की भूमि कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार कुल 33 कोटि देवी देवता हैं इस प्रकार से देखें तो हमेशा किसी न किसी त्यौहार का माहौल बना ही रहता है। इन्हीं त्यौहारों इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है। जो दीपावली के नाम से जाना जाता है और जो दशहरा के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। दिवाली क्यों मनाई जाती है ?
आज हम जानेंगे –
- सिख और जैन दीपावली क्यों मनाते है? दिवाली क्यों मनाई जाती है ?
- दीपावली मनाने की 5 कहानियां
- दीप क्यों जलाए जलाते है ?
- जैन समुदाय दिवाली को किस रूप में मनाते है ?
- भारत के साथ विदेशो में भी दिवाली
- दिवाली पर लक्ष्मी – गणेश की पूजा क्यों करते है ?
- दिवाली पर कुबेर की पूजा क्यों करते है ?
- हिन्दू समुदाय में दीप जलाने का महत्त्व क्या है ?
- अग्नि पूजा या यज्ञ क्यों किया जाता है ?
लेकिन दीपावली क्यों मनाई जाती है आखिर क्या कारण है कि जिससे दीपावली को दीप जलाया जाता है और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है यह सबसे बड़ी बात है जो हम आपको कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं जिसके आधार पर दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
दीपावली और दीप उत्सव मनाने के पीछे कई कहानियां प्राप्त होती है लेकिन उन्ही कहानियों में से उन्हीं तत्वों में से हम पांच तत्वों को चुन करके आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं जो कि सर्वमान्य है इन पांच में से तीन हिंदू समुदाय से एक सिख समुदाय से और एक जैन समुदाय से संबंधित है। आइए जानते हैं कि दिवाली क्यों मनाई जाती है ?
तो आइए हम एक-एक करके सभी कथाओं को सभी कारणों को जानते हैं।
दीपावली मनाने की 5 कहानियां
भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की ख़ुशी में।
दीपावली का त्यौहार कार्तिक अमावस्या को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है दीपावली क्यों मनाई जाती है पहली कहानी जुड़ी हुई है भगवान श्री रामचंद्र जी को 14 वर्ष का वनवास के दौरान लंका पहुंचे वहां पर लंकापति रावण का वध करने के बाद भगवान श्री रामचंद्र कार्तिक अमावस्या को ही अयोध्या लौटे थे इस अवसर पर समस्त अयोध्या वासी भगवान श्री राम के नगर वापसी पर खुशी मनाते हुए घी के दीपक जलाए थे तब से दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा है।
विष्णु और लक्ष्मी के विवाह की ख़ुशी में
दूसरी कथा जुड़ी हुई है समुद्र मंथन से समुद्र मंथन के समय कार्तिक अमावस्या को ही शिरसागर से महालक्ष्मी उत्पन्न हुई थी और भगवान श्री हरि विष्णु जी और माता लक्ष्मी का विवाह संपन्न हुआ था तभी से दीपावली का त्यौहार मनाते हुए माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है माता लक्ष्मी देवी है इसलिए हर घर में दीप जलाने के साथ साथ माता लक्ष्मी का पूजन अर्चन किया जाता है।
नरकासुर का वध
तीसरी घटना भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई है नरकासुर नाम का राक्षस हुआ करता था वह बहुत ही अत्याचारी था एक बार उसने 16000 युवतियों का अपहरण कर लिया था तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया और 16000 युवतियों को मुक्त कराया था वह दिन भी कार्तिक अमावस्या का ही दिन था कृष्ण भक्ति धारा के लोग किसी दिन को दीपावली के रूप में मनाते हैं।
मुगल बादशाह की हार
चौथी कहानी जुड़ी हुई है सिख समुदाय से एक बार की बात है जब मुगल बादशाह जहांगीर ने 52000 राजाओं को बंदी बनाकर रखा था उस दौरान सिखों के गुरु हरगोविंद सिंह ने अपनी सूझबूझ एवं अपनी बुद्धिमानी से राजाओं को जहांगीर के कैद से मुक्त कराया था तभी से सिख समुदाय भी दीपावली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाने लगे।
भगवान महावीर को निर्वाण की प्राप्ति
पांचवी कथा जैन धर्म से जुड़ी हुई है जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी को कार्तिक अमावस्या की रात को ही निर्वाण की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन भगवान महावीर के गौतम स्वामी को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी इसीलिए दीप और रोशनी के त्योहार दीपावली को जैन धर्म के लोग भी बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।
दीप क्यों जलाए जलाते है ?
जैन ग्रंथों के अनुसार भगवान महावीर स्वामी ने दीपावली वाले दिन अर्थात कार्तिक अमावस्या के दिन, आधी रात को अंतिम उपदेश दिया था जिसे उत्तरार्ध यंत्र के नाम से जाना जाता है भगवान महावीर स्वामी के मुख्य में जाने के बाद वहां मौजूद जैन धर्मावलंबियों ने दीपक जला कर के रोशनी करते हुए खुशियां मनाई थी।
जैन समुदाय दिवाली को किस रूप में मनाते है ?
जैन धर्म के लिए यह त्यौहार विशेष रूप से त्याग और तपस्या के त्यौहार के तौर पर मनाया जाता है इसलिए इस दिन जैन धर्मावलंबी भगवान महावीर स्वामी की पूजन विशेष रूप से करते हैं और उनके त्याग और तपस्या को याद करते हैं सभी जैन मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
भारत के साथ विदेशो में भी दिवाली
इस तरह से इन 5 बिंदुओं को ही आधार मानकर के इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से भारतवर्ष में ही नहीं अपितु देश विदेश में भी मनाया जाता है जो कि पूरे हर्षोल्लास का त्यौहार होता है इस दिन घरों में दीपक जलाए जाते हैं बच्चे पटाखे फोड़ते हैं और माता लक्ष्मी का विशेष पूजन करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है।
दिवाली पर लक्ष्मी – गणेश की पूजा क्यों करते है ?
दीपावली के दिन माता लक्ष्मी के पूजन के अलावा भगवान श्री गणेश एवं कुबेर जी का भी पूजन अर्चन किया जाता है भगवान श्री गणेश बुद्धि के देवता हैं इसलिए हम भगवान श्री गणेश के सामने नतमस्तक होकर के उन से प्रार्थना करते हैं कि हमें सदैव सद्बुद्धि के मार्ग की ओर ले चले।
दिवाली पर कुबेर की पूजा क्यों करते है ?
कुबेर जी धन के देवता होने के कारण कुबेर का पूजन किया जाता है जिससे कुबेर जी की कृपा दृष्टि हम पर बनी रहे और धनसंपदा प्रचुर मात्रा में हमारे पास भरा रहे हमारा भंडार भरा रहे।
हिन्दू समुदाय में दीप जलाने का महत्त्व क्या है ?
दीपक आनंद प्रकट करने के लिए जलाए जाते हैं खुशियां बांटने का काम करते हैं भारतीय संस्कृति में दीपक को सत्य एवं ज्ञान का सूचक माना जाता है क्योंकि दीपक स्वयं चलता है लेकिन दूसरों को प्रकाश देता है दीपक की इसी विशेषता के कारण धार्मिक ग्रंथों में दीपक को ब्रह्म स्वरूप माना गया है यह भी मान्यता है कि दीपदान से शारीरिक एवं आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है वहां दीपक का प्रकाश पहुंच जाता है
अग्नि पूजा या यज्ञ क्यों किया जाता है ?
दीपक को सूर्य का भाग दीपक कहा जाता है स्कंद पुराण के अनुसार यज्ञ देवताओं के मध्य संवाद साधने का एक माध्यम है। अग्नि पूजन विशेष महत्व होता है विशेषता है इसलिए आपसे विनती करता हूं कि दीपावली के दिन अपने घर में मिट्टी का बना हुआ दीपक जलाएं तेल का दीपक जलाएं
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